पढ़ना लिखना और गीत सुनना तो मेरा शौख ही रहा जैसे छू लेने दो नाजुक होठों को कुछ और नहीं बजता हुआ इस तरह के हजारों गीत हमें बताता है की...ऊष्मा, शीत और स्पर्श संबधित हमारी संवेदनायें हमारे जीवन के लिए अत्यावश्यक है। इन्ही के द्वारा हम अपने आसपास के विश्व को महसूस करते है। अपने रोजमर्रा के जीवन मे हम इन संवेदनाओ को हम बहुत आसानी से लेते है लेकिन हमारा तंत्रिका तंत्र इन को किस तरह से समझता है, वह तापमान और दबाव को किस तरह से महसूस करता है ? .......हरी मिर्च और लाल मिर्च खाते काटते हुए जब हाथों में जलन होती थी तो लगता था कि इस मिर्ची में जरूर ऐसा कुछ है जो स्वाद में ही नहीं तीखापन लाती पलकें भी भिगो देती है। हाथों को भी जलाती है इसके पीछे पड़ा रहा हजारों किताबें पढ़ी पन्ने पलटे उत्तर जो सूझा जो समझ में आया वह यहां लिख रहा हूं ।पढ़ा तो बाद में पता चला कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण क्या है वैज्ञानिक डेविड जूलियस ने मिर्च मे पाए जाने वाले एक रसायन कैप्साइसीन का प्रयोग किया, कैप्साइसीन त्वचा मे जलन उत्पन्न करता है। इस रसायन के प्रयोग से से डेविड ने हमारी त्वचा मे एक ऊष्मा महसूस करने वाले तंत्रिका तंत्र के सिरे का पता लगाया।
हर छूना छूना नहीं होता हर छूने की भी अलग कहानी होती है जो तुमने भी महसूस किया है और हमने भी महसूस किया है लेकिन इसको जब नए सिरे से देखना शुरू किया तब जाना कि वैज्ञानिक अरडेम पेटापुटीन ने दबाव कोशिकाओ के प्रयोग से त्वचा मे यांत्रिकी दबाव महसूस करने वाली एक नई तरह की तंत्रिकाओं का पता लगाया। इन क्रांतिकारी खोजों से हमारी तंत्रिका तंत्र द्वारा ऊष्मा , शीत और यांत्रिकी दबाव के महसूस करने की प्रक्रिया को समझने मे मदद की है। इन वैज्ञानिकों ने हमारी संवेदना और आसपास के वातावरण के मध्य चल रही जटिल प्रक्रियाओ को समझने मे बिखरी कडीयो को जोड़ा है। ......1944 के चिकित्सा नोबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ एर्लांगर(Joseph Erlanger) और हर्बर्ट गॅसर( Herbert Gasser) ने हर विशिष्ट संवेदना संबधित विशिष्ट न्यूरान का पता लगाया था। जैसे दर्द वाले स्पर्श और सहलाने वाले स्पर्श को महसूस करने वाले न्यूरान। उसके बाद से यह प्रमाणित किया जा चुका है कि विशिष्ट तरह की संवेदना वाले न्यूरान अपने काम के लिए विशेषज्ञ होते है, और वे हर तरह की संवेदना को अलग से पहचान सकते है, जिससे हम अपने परिवेश को बेहतर रूप से समझ पाते है। जैसे हमारी ऊँगलीओ के सिरे पर उपस्थित न्यूरान ऊष्मा और गरम दर्दनाक ताप दोनों को महसूस कर सकते है।डेविड जूलियस और अरडेम पेटापुटीन के खोज से पहले हम यह नहीं जानते थे कि हमारा तंत्रिका तंत्र किस तरह से तापमान और दबाव को महसूस करता है। हमारा मस्तिष्क विद्युत संकेत समझता है, लेकिन दबाव और ऊष्मा के संकेत किस तरह से विद्युत संकेत मे बदलते है यह एक बड़ा रहस्य था।....1990 दशक के अंतिम भाग मे डेविड जूलियस ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय कैपसाइसिन रसायन पर कार्य किया, यह रसायन मिर्च मे होता है और त्वचा मे जलन उत्पन्न करता है। हम जानते थे कि कैपसाइसिन दर्द महसूस करनेवाले न्यूरान को उत्तेजित करता है लेकिन कैसे करता है एक रहस्य था। जूलियस और उनके साथियों ने दर्द , ऊष्मा और स्पर्श महसूस करने वाले न्यूरानों मे से करोड़ों डीएनए टूकड़ों का एक संग्रह बनाया और उन्होंने यह प्रस्तावित किया कि इन डीएनए खंडों मे से कोई एक कैपसाइसिन से प्रतिक्रिया करता होगा। एक के बाद एक करके उन्होंने कैपसाइसिन से प्रतिक्रिया नहीं करने वाले डीएनए खंडों को अलग कर दिया। कड़ी और लंबी मेहनत के बाद वे कैपसाइसिन से प्रतिक्रिया करने वाले जीन (डीएनए खंड) को पहचान गए। इस जिन को TRPV1 नाम दिया गया जोकि एक आयन चैनल प्रोटीन है, और कैपसाइसिन से प्रतिक्रिया करता था। जब जूलियस ने इस संवेदी प्रोटीन की प्रतिक्रिया ऊष्मा से करवाई तो उसने जलन से दर्द महसूस करने वाली प्रतिक्रिया दी, जूलियस ने पाया कि उन्होंने एक ऊष्मा संवेदी रिसेप्टर खोज निकाला है।....डेविड जूलियस ने मिर्च मे पाए जाने वाले कैप्साइसीन के प्रयोग से TRPV1 संवेदक की खोज की जो दर्द उत्पन्न करने वाली ऊष्मा से सक्रिय हो कर न्यूरान को विद्युत संकेत भेजती है।...TRPV1 की खोज तापमान महसूस करने वाले अन्य संवेदको को पहचनाने मे एक बड़ा कदम था। डेविड जूलियस और अरडेम पेटापुटीन दोनों ने स्वतंत्र रूप से मेन्थोल (ठण्डाई) के प्रयोग से TRPM8 की खोज की जोकि शीतलता महसूस करवाने वाला संवेदक है। TRPV1 और TRPM8 से संबधित अन्य आयन चैनल खोजे गए और पाया गया कि ये संवेदक तापमान की एक बड़ी रेंज मे काम कर सकते है। डेविड जूलियस द्वारा TRP1 की खोज एक क्रांतिकारी खोज थी, जिसने हमारे शरीर द्वारा भिन्न तापमानो को समझ सकने के रहस्य से पर्दा उठाया।....स्पर्श की संवेदना के लिए Piezo2 आयन चैनल मुख्य है। Piezo1 और Piezo2 मिलकर अन्य भौतिक प्रक्रिया जैसे रक्तचाप , श्वशन तथा मूत्रथैली के नियंत्रण के लिए उत्तरदाई है।
बाकी 2021 यानीइस वर्ष का चिकित्सा नोबेल TRPV1,TRPM8 तथा Piezo आयन चैनल की क्रांतिकारी खोज को समर्पित है, यह खोज दर्शाती है कि हम किस तरह से ऊष्मा, शीत और स्पर्श महसूस करने के द्वारा हमारे आसपास के वातावरण को समझते है और उसके साथ समायोजित होते है। TRP चैनल हमारी ऊष्मा संवेदना के लिए महत्वपूर्ण है जबकी Piezo चैनल स्पर्श और हमारे अंगों की स्तिथि जानने और उनके संचालन के लिए महत्वपूर्ण है। इन चैनलों के ऊष्मा और दबाव पर निर्भर कुछ अन्य चयापचय संबधित कार्य भी है।
सन्दर्भ
2021 चिकित्सा नोबेल पुरस्कार :डेविड जूलियस और अरडेम पेटापुतीन वर्ष 2021 के चिकित्सा नोबेल पुरस्कारों का ऐलान सोमवार 4 अक्टूबर 2021 को किया गया है। इस बार को यह पुरस्कार डेविड जूलियस और अरडेम पेटापुतीन को मिला है।यह पुरस्कार उन्हे ऊष्मा और स्पर्श के संवेदकों (receptors ) की खोज के लिए दिया गया है।
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